रविवार, 12 जनवरी 2014

Ummi Nabi : Hazrat Muhammad (S) A Multi Dimensional Personality

कल्पनाओं की सीमा से आगे बढ़िए। आपको इस अनपढ़ (उम्मी) व्यक्ति की लीडरशिप के व्यावहारिक फल संसार के नियमों और प्रणालियों और व्यवहारों में इस अधिकता से नज़र आएँगे कि उनकी गिनती कठिन हो जाएगी। नैतिकता, सभ्यता, शिष्टता और स्वच्छता के कितने ही सिद्धांत हैं जो उसकी शिक्षा से निकलकर सारे संसार में फैल गए। उसने जो सामाजिक नियम (Social Etiquettes) बनाए थे, उनसे संसार ने कितने लाभ प्राप्त किए और अब तक किए जा रहा है। अर्थनीति (Economical, Financial, Business Laws and conduct) के संबंध में उसने जो सिद्धांत सिखाए, उनसे संसार में कितने आन्दोलन उत्पन्न हुए और होते जा रहे हैं। शासन की जो प्रणालियाँ उसने ग्रहण की थीं, उनसे संसार के राजनीतिक दृष्टिकोण (Political Vision) में कितनी क्रान्तियाँ हुईं और हो रही हैं। न्याय और नियम (Justice and Laws) के जिन सिद्धांतों को उसने जन्म दिया, उन्होंने दुनिया की अदालती व्यवस्थाओं और कानूनी विचारों को कितना प्रभावित किया और अब तक उसका प्रभाव-क्रम खामोशी के साथ जारी है। युद्ध और संधि और अन्तर्राष्ट्रीय संबंध (International Relation) की सभ्यता जिस व्यक्ति ने व्यावहारिक रूप से संसार में स्थापित की वह वास्तव में यही ईशदूत और महान पुरुष है, नहीं तो पहले संसार इससे अनजान था, कि युद्ध की भी कोई आचार-संहिता हो सकती है और विभिन्न राष्ट्रों में, समान मानवता (Common humankind) के आधार पर भी व्यवहार होना संभव है।

  मानव-इतिहास के इस पृष्ठ में इस विस्मयकारी मनुष्य का उच्च और महान व्यक्तित्व इतना उभरा हुआ दिखाई देता है कि आदि से लेकर अब तक के बड़े-बडे ऐतिहासिक मनुष्य जिनकी संसार-महानों (Great personalities) में गिनती करता है, जब उसके सामने लाए जाते हैं तो बौने दिखाई देते हैं। संसार के महानों में से कोई भी ऐसा नहीं जिसकी महानता की चमक-दमक मानव-जीवन के एक-दो विभागों से आगे बढ़ सकी हो। कोई सिद्धांतों का बादशाह है मगर कर्म-शक्ति नहीं रखता, कोई कर्म का पुतला है लेकिन सोच-विचार में कमज़ोर है, किसी के चमत्कार राजनीतिक विधि तक सीमित हैं, कोई सैनिक विषयों का विशेषज्ञ है। किसी की दृष्टि सामाजिक जीवन के एक पहलू पर इतनी ज्यादा गहरी जमी है कि उससे दूसरे पहलू ओझल हो गए हैं। किसी ने नैतिकता और आध्यात्मिकता को लिया तो आर्थिक और राजनीतिक विषय को भुला दिया। किसी ने अर्थ और राजनीति को लिया तो नैतिकता और आध्यात्मिकता की उपेक्षा कर दी। सारांश यह है कि इतिहास में हर ओर एकरुखे हीरो (One Point Personalitiess) ही दिखाई देते हैं, मगर अब तक के सारे मानव इतिहास में अकेला एक ही व्यक्ति ऐसा है जिसमें सारी विभूतियाँ तथा विशेषताएँ एकत्रित हैं जो बहुमुखी प्रतिभा (Multi Dimensional Qualities)का धनी है। वह स्वयं दार्शनिक और ज्ञाता भी है और स्वयं दर्शन (Philosphys) को व्यावहारिक जीवन में प्रचारित करने वाला भी। वह राजनीतिक विधिकार (Legislator) भी है और सेनानायक (Commander) भी। नियम-निर्माता (Law Maker)भी है, आचरण-शिक्षक (Etiquette Teacher) भी है, धार्मिक और आध्यात्मिक रहनुमा भी है। उसकी दृष्टि मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन पर प्रसारित होती है और छोटे से छोटे भाग तक जाती है। खाने और पीने के नियम और शरीर की सफाई, नाखून काटने के तरीकों से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय व्यवहारों तक एक-एक वस्तु के संबंध में वह आज्ञाएँ और आदेश देता है। अपने ध्येय के अनुसार एक स्थायी सभ्यता (Mominana Civilzation) की रचना करके रख देता है और जीवन के सारे और विभिन्न पहलुओं में ऐसा वास्तविक संतुलन (Equillibrium) स्थापित करता है कि अधिकता और न्यूनता (Micro and Macro) का कहीं चिन्ह तक दिखाई नहीं देता। क्या इस सम्पूर्णता का कोई दूसरा भी आपकी दृष्टि में है?

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