शुक्रवार, 25 जनवरी 2013

Prophet Mohammad SAW and Environment


पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. और पर्यावरण एक झलक
जल और थल में बिगाड़ फैल गया खुद लोगों की ही हाथों की कमाई के कारण, ताकि वह (अल्लाह) उन्हें उनकी कुछ करतूतों का मजा चखाए, कदाचित वे बाज आ जाएं।   (कुरआन-30/41)
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया अगर कयामत आ रही हो और तुम में से किसी के हाथ में कोई पौधा हो तो उसे ही लगा दो और परिणाम की चिंता मत करो।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया- जिसने अपनी जरूरत से ज़्यादा पानी को रोका और दूसरे लोगों को पानी से वंचित रखा तो अल्लाह फैसले (आखेरत/परलोक) वाले दिन  उस शख्स से अपना फज़्लो करम रोक लेगा।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया-जो बंदा कोई पौधा लगाता है या खेतीबाड़ी करता है। फिर उसमें से कोई परिंदा, इंसान या अन्य कोई प्राणी खाता है तो यह सब पौधा लगाने वाले की नेकी (पुण्य) में गिना जाएगा।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल.ने फरमाया-जो भी खजूर का पेड़ लगाएगा, उस खजूर से जितने फल निकलेंगे, अल्लाह उसे उतनी ही नेकी देगा।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया- जिस घर में खजूर का पेड़ हो, वह भुखमरी से परेशान नहीं हो सकता।
पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. ने स्थिर (ठहरे हुये) पानी में पेशाब करने, सार्वजनिक रास्ते, लोगों के छाया हासिल करने की जगहों और पानी के घाट (नदी, तालाब, समुद्र के किनारे) पर शौच करने से रोका है,
ऐसे जानवरों का मांस खाने और उनका दूध पीने से रोका है जो गंदगियों और कचरों का आहार लेते हैं, इसी तरह नुकीले दाँत वाले मांसभक्षी जानवरों और पंजे से शिकार करने वाले परिंदों का गोश्त खाने,  जानवरों को तकलीफ देकर मारने अर्थात् उसे बांध कर किसी चीज से मारना यहाँ तक कि वह मर जाये, या उसे चारा (भोजन) के बिना बांधे रखने से मना किया है, दांत या नाखून से जानवर को जब्ह करने, दूसरे जानवर के सामने किसी जानवर को जि़ब्ह करने, या जानवर के सामने छुरी तेज़ करने से मना किया हैं।

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