‘‘ हजरत मोहम्मद द्वारा प्रस्तुत किये गये इस्लाम के एकेश्वरवाद के प्रति अरब के लोगों के विश्वास ने न केवल कबीलों के बुतों को ध्वस्त कर दिया बल्कि वे इतिहास में एक ऐसी अजेय शक्ति बनकर उभरे जिसने मानवता को बुतपरस्ती की लानत से छुटकारा दिलाया। ईसाइयों (और अन्य धर्मो) के, संन्यास और चमत्कारों पर भरोसा करने की घातक प्रवृत्ति को झकझोर कर रख दिया और पादरियों (मठाधीषों) और हवारियों (मसीह के साथियों) के पूजा की कुप्रथा से भी छुटकारा दिला दिया।’’
सद्भाव दूत मैगजीन साल में एक बार ईद मिलादुन्नबी के मौके पर प्रकाशित की जाती है, हम अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो वसल्लम का जीवन, इतिहास और आपकी ज़िन्दगी के विभिन्न पहलुओं (सुन्नतों) को लाखों मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाईयों तक पहुचा चुके हैं इस नेक काम मे आप हमसे जुड़ना चाहते हैं तो हमें मैसेज या काॅल करें 9838658933
बुधवार, 30 दिसंबर 2015
एम.एन. राय संस्थापक- मैक्सिकन कम्युनिस्ट पार्टी व कम्युनिस्ट पार्टी इण्डिया M.N.Rai --Founder Maxican Comunist Party and Comunist Party of India :: ========================================
‘‘ हजरत मोहम्मद द्वारा प्रस्तुत किये गये इस्लाम के एकेश्वरवाद के प्रति अरब के लोगों के विश्वास ने न केवल कबीलों के बुतों को ध्वस्त कर दिया बल्कि वे इतिहास में एक ऐसी अजेय शक्ति बनकर उभरे जिसने मानवता को बुतपरस्ती की लानत से छुटकारा दिलाया। ईसाइयों (और अन्य धर्मो) के, संन्यास और चमत्कारों पर भरोसा करने की घातक प्रवृत्ति को झकझोर कर रख दिया और पादरियों (मठाधीषों) और हवारियों (मसीह के साथियों) के पूजा की कुप्रथा से भी छुटकारा दिला दिया।’’
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015
मुन्षी प्रेमचन्द ‘इस्लामी सभ्यता’ Munshi Prem Chand " Isalmic Civilization"
‘...हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कोई इंसान उस वक्त तक मोमिन/सच्चा मुस्लिम नहीं हो सकता जब तक वह अपने भाई-बन्दों पड़ोसियों के लिए भी वही न चाहे जितना वह अपने लिए चाहता है। ...’
और उनका यह कथन सोने के अक्षरों में लिखे जाने योग्य है ...‘‘सारी दुनिया अल्लाह का परिवार है वही इंसान अल्लाह (ईष्वर) का सच्चा बंदा (भक्त) है जो खुदा के बन्दों के साथ नेकी करता है।’’
‘‘...अगर तुम्हें खुदा की बन्दगी करनी है तो पहले उसके बन्दों से मुहब्बत करो।’’
...सूद/ब्याज की प्रवृत्ति ने संसार में जितने अनर्थ किए हैं और कर रही है वह किसी से छिपे नहीं है। हजरत मुहम्मद का लाया धर्म इस्लाम ही अकेला धर्म व जीवन पद्वति है जिसने सूद को और उसके हर प्रकार को हराम (अवैध) ठहराया है...।
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मुन्षी प्रेमचन्द ‘इस्लामी सभ्यता’
साप्ताहिक प्रताप विशेषांक दिसम्बर 1925
और उनका यह कथन सोने के अक्षरों में लिखे जाने योग्य है ...‘‘सारी दुनिया अल्लाह का परिवार है वही इंसान अल्लाह (ईष्वर) का सच्चा बंदा (भक्त) है जो खुदा के बन्दों के साथ नेकी करता है।’’
‘‘...अगर तुम्हें खुदा की बन्दगी करनी है तो पहले उसके बन्दों से मुहब्बत करो।’’
...सूद/ब्याज की प्रवृत्ति ने संसार में जितने अनर्थ किए हैं और कर रही है वह किसी से छिपे नहीं है। हजरत मुहम्मद का लाया धर्म इस्लाम ही अकेला धर्म व जीवन पद्वति है जिसने सूद को और उसके हर प्रकार को हराम (अवैध) ठहराया है...।
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मुन्षी प्रेमचन्द ‘इस्लामी सभ्यता’
साप्ताहिक प्रताप विशेषांक दिसम्बर 1925
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