'अल्लाह"
(ईश्वर) उस तस्वर का नाम है, जिससे ने इस ब्रम्हाण्ड का निर्माण किया और जो हमारे जीवन और मरण का मालिक है। इंसान की समस्त व्यावहारिकता और विचार सम्बन्धी व्यवस्था में जिस चीज की मौलिकता एंव केन्द्रीय स्थान प्राप्त है। वह
"अल्लाह" (ईश्वर) में विश्वास है।
बाकि दूसरी सभी धारणऐं एंव आदेश वास्तव में इस मूल की शाखाऐं हैं। जितने भी विचार, आदेश और मान्यताऐं हैं, उनमें मजबुती और सार्थकता अल्लाह (ईश्वर) में विश्वास से ही आती हैं। यदि इस एक केन्द्र से निगाह हटा ली जाए, तो इस दूनियां की प्रत्येक चीज अर्थहीन हो जाएगी और इंसान की सम्पूर्ण व्यवस्था, जिसका सम्बन्ध चाहे विचार एंव आस्था से हो या व्यवहार से, सब का सब छिन्न-भिन्न होकर रह जाएगा।
Compiled by
zainul.abdin.initiative
9838658933
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